सहस कमल में हो रहे धारी। कीन्ह परीक्षा तबहिं पुरारी॥ योगी यति मुनि ध्यान लगावैं। नारद शारद शीश नवावैं॥ वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे। छवि को देख नाग मुनि मोहे॥ काशी में विराजे विश्वनाथ, नंदी ब्रह्मचारी । जन्म जन्म के पाप नसावे। अन्तवास शिवपुर में पावे॥ श्री शिवजी की कुछ मनभावन https://winbet06284.wikistatement.com/4334507/not_known_factual_statements_about_shiv_chalisa_lyricsl