सीने में जलन आँखों में तूफ़ान सा क्यूँ है वो हर बार मुझे छोड़ के चले जाते हैं तन्हा !! धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है…” “कहने को तो सब अपने हैं, पर सच में कोई साथ नहीं।” “कहानी अधूरी होती है, तो जीने का मज़ा सुनहरा होता https://youtu.be/Lug0ffByUck