ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे इन्हें मारु, तोहि शपथ राम की, राखउ नाथ मरजाद नाम की । जय गणेश गिरिजा सुवन, मंगल करण कृपाल। दीनन के दुख दूर करि... लंका सो कोट समुद्र-सी खाई।जात पवनसुत बार न लाई॥ सप्तैतान् संस्मरेन्नित्यं मार्कण्डेयमथाष्टमम्। Nevertheless, as soon as Hanuman was flying https://franciscoctixm.activoblog.com/34924676/top-hanuman-aarti-secrets